Not known Details About Shiv chaisa
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सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
महाशिवरात्रि पर करें राशिनुसार रुद्राभिषेक, जानिए इस शुभ पर्व का महत्व
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल Shiv chaisa सुजान।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
शिव भजन
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥